स्टॉक एक्सचेंज आधुनिक व्यावसायिक जगत में बरा
ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है | किसी भी देश के स्टॉक एक्सचेंज बाज़ार उसके पूँजी बाज़ार
में महत्वपूर्ण हिस्से होते है | संसार में इसका विकास संयुक्त पूँजी वाली
कम्पनियों के जन्म तथा विकास के साथ प्रारम्भ हुआ लेकिन आधुनिक व्यवसाय प्रधान युग
में यह एक अत्यंत महत्यपूर्ण संस्था बन गई है | यह वह संगठित विपनी है जहाँ
कम्पनियाँ निगम अथवा सरकार द्वारा निर्गमित अंश का क्रय विक्रय किया जाता है, जो
बेचने के दृष्टी से निर्गमित की गई हो | इस प्रकार आजकल औद्योगिक वित्त के ढ़ाचे को
समझाने के लिए स्टॉक एक्सचेंज के कार्य प्रणाली का अध्यन करना आवश्यक है | YouTube पर जाने के लिए Click करें...
साधारण शब्दों में स्टॉक एक्सचेंज का आशय एक ऐसे सुसंगठित व स्थायी बाजार से है, जहाँ संयुक्त स्टॉक वाली कंपनियां, सार्वजनिक व्यक्तिगत एवं जनोपयोगी संस्थाओ को शेयर का विक्रय करता है | स्टॉक एक्सचेंज एक प्रकार का वह बाजार है, जहाँ शेयर का क्रय-विक्रय निश्चित नियमों के अनुसार पहले से पंजीकृत शेयरों में ही होता है | स्टॉक एक्सचेंज न तो अपने लिए क्रय करता है, और ना ही अपने लिए शेयरों का विक्रय करता है | यह बाजार केवल क्रय-विक्रय की क्रियाओ को नियमित करता है |
स्टॉक एक्सचेंज के कार्य :-
१. पूँजी रचना:- स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर के
भाव सम्बन्धी बातो का प्रकाशन नागरिकों को बचत के लिए प्रोत्साहित करता है, तथा
जिनके पास बचत है, उनको शेयरों में लगाने के लिए प्रेरित करता है | इसका प्रभाव यह
होता है की पूँजी की व्यवस्थित रचना होती है |
२. पूँजी की तरलता तथा
गतिशीलता :- स्टॉक एक्सचेंज का दूसरा महत्यपूर्ण कार्य एक और पूँजी को तरलता प्रदान करना
तथा दूसरी ओर गतिशीलता लाना है | स्टॉक एक्सचेंज में शेयर का क्रय-विक्रय किसी भी
समय किया जा सकता है, जिससे स्टॉक में तरलता आ जाती है अर्थात विनियोजक(शेयर
होल्डर) किसी भी समय अपनी लगाई हुई पूँजी को वापस कार सकता है | यदि कोई शेयर कम
कीमत वाली है, या कम लाभप्रद शेयर ख़रीदी जा सकती है, इस प्रकार शेयरों में
गतिशीलता आ जाती है |
३. तैयार एवं निरंतर बाज़ार :- स्टॉक एक्सचेंज का तीसरा
कार्य बाजार तैयार करना एवं निरंतर उपलब्ध कराना है | इन बाजारों में हर समय
क्रेता-विक्रेता पाये जाते हैं, जिससे बाजार में निरंतरता बनी रहती है |
४. मूल्य निर्धारण :- मूल्य निर्धारण स्टॉक
एक्सचेंज का चौथा महत्यपूर्ण कार्य है | स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों के मूल्यों का
निर्धारण राजनैतिक, सामाजिक, रास्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पहलुओं को ध्यान में रखकार
किया जाता है, ताकि उचित मूल्य निर्धारित हो सके क्योंकि शेयर लेने वाले अपने धन
को उन्हीं शेयरों में लगाते हैं, जो उनके लिये अधिक लाभदायक हों |
५. व्यवहार में सुरक्षा :- स्टॉक एक्सचेंज निश्चित
नियमों के अंतर्गत कार्य करते हैं | जिससे जाली शेयरों के क्रय-विक्रय का भय ख़त्म
हो जाता है, तथा साथ ही क्रय-विक्रय का ढंग तथा कमिशन भी उचित तारिके से निश्चित
हो जाता है, ताकि उपभोक्ताओं में भी विश्वास पैदा हो | यदि कोई सदस्य स्टॉक एक्सचेंज
के नियमो का पालन नहीं करता है, तो उसे दण्डित किया जा सकता है, तथा समय आने पर
स्टॉक एक्सचेंज से निकाला जा सकता है | इस प्रकार स्टॉक एक्सचेंज नियोजक को
सुरक्षा प्रदान करता है |
६. अनुसूचित कंपनियों के बारे
में पूर्ण जानकारी :- स्टॉक एक्सचेंज का एक कार्य अनुसुचित कम्पनी के बारे में
आर्थिक सूचनायें एकत्रित करके उसका प्रकाशन करना है, ताकि सदस्यों को उस कंपनी के
बारे में विस्तृत जानकारी हो सके | जो सूचनायें प्रकाशित न हुआ हो उनको भी अगर कोई
सदस्य मांगे तो वह उसको दे दी जाती है |
७. नयी पूँजी प्राप्ति में
सहायक :- प्रायः कम्पनियाँ अपने विकास के लिए नयी पूँजी की आवश्यकता महसूस करती है |
इसके लिए कम्पनियाँ जनता से नए अनसो का निर्गमन करती है ऐसा निर्गमन करके पूँजी
एकत्रित करने में स्टॉक एक्सचेंज बड़ी सहायता करते हैं |
८. अर्थिक प्रगति का माप :- स्टॉक एक्सचेंज किसी भी
देश की अर्थिक प्रगति का बैरोमीटर कहलाता है, क्योकि देश की अर्थिक प्रगती का
अनुमान उस देश के स्टॉक एक्सचेंज को देखकर लगाया जा सकता है |

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