सार्वजनिक निजी
साझेदारी
(Public Private
Partnership)
सार्वजनिक क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र के साथ
मिलकर सार्वजनिक सेवाएँ प्रदान करता है और वित्तिय तकनिकी तथा परिचालन जोखिमों को
वहन करता है | इस प्रकार सार्वजनिक निजी साझेदारी सरकार तथा एक या अधिक निजी
क्षेत्र कम्पनियों के साथ मिलकर काम करती है | इसे P3 या PPP के नाम से
जाना जाता है | PPP सार्वजनिक तथा
निजी क्षेत्र के मध्य एक दीर्घकालीन साझेदारी है | वर्तमान में सरकार आधारभूत
ढाचें के निर्माण के लिए कुछ क्षेत्रों में PPP का
प्रयोग कर रही है |प्रबंध क्या है ? जानने के लिए click करें |
a) शिक्षा (स्कूल, कॉलेग, विश्वविद्यालय) |
b) सड़क, रेलवे, मेट्रो इत्यादि |
c) जल (एकत्र, सपाई, वितरण) इत्यादि |
d) रद्दी माल को एकत्र कर फिर से उसे उपयोग करने क
लिए |
सार्वजनिक निजी
साझेदारी की विशेस्ताएँ :- PPPs की प्रमुख विशेस्ताएँ हैं :-
a) PPPs का मुख्य उद्देश्य
उच्च किस्म की सेवाएँ देने के लिए उस काम के निपुण व विशेषज्ञ को उपयोग में लाना |
b) PPPs सरकार को उसकी
बजटीय समस्या व उधार लेने की सीमओं से मुक्ति दिलाती है |
c) PPPs जोखिम को सार्वजनिक व निजी क्षेत्र में विभाजित कराती है |
d) PPPs सरकारी सेवाओं की किस्म तथा लागत के उत्तरदायी रहती है |
e) PPPs परियोजनाएँ कार्य को कम से कम समय में पूरा करने में सहायक होती है |
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